मुंबई /नई दिल्ली, 09-01-2024: एनसीसीएफ (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए ई-पोर्टल को लेकर दलहन क्षेत्र में काफी चर्चा है।माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में इस पोर्टल को लॉन्च किया गया था।
कई लोगों ने एनसीसीएफ और नेफेड के माध्यम से तुअर खरीद के लिए अपना नाम पंजीकृत कराया है।
यह पहल जोर पकड़ रही है और किसान अपनी उपज की खरीद के लिए ई–पोर्टल से जुड़ रहे हैं। अभी तक महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से रजिस्ट्रेशन आ रहे हैं।
कई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) ने अपने अधीन किसानों को सक्षम बनाने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। (PACS) ग्रामीण ऋण और कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और ऐसी पहलों में उनकी सक्रिय भागीदारी कृषि कार्यक्रमों की सफलता में योगदान दे सकती है।
एग्रीबिड प्राइवेट लिमिटेडजैसी कंपनी जो किसानों को सशक्त बनाने औरउनकी जीवनशैली बेहतर बनानेके लिए काम कर रही है, एनसीसीएफ के साथ जुड़ी हुई है और विभिन्न वस्तुओं की खरीद में सहायता कर रही है।
एग्रीबिड प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ आशुतोष मिश्राने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म और सहज खरीद प्रक्रियाओं के माध्यम से दलहन किसानों का मनोबल बढ़ाने की सरकार की पहल वास्तव में दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।“
“आयात पर निर्भरता कम करना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना खाद्य सुरक्षा और किसानों की आर्थिक भलाई को बढ़ाने का एक प्रमुख पहलू है। यदि इस तरह की पहल से उत्पादकता में वृद्धि, बेहतर बाजार पहुंच और दलहन किसानों के लिए बेहतर समर्थन मिलता है, तो यह भारत को दालों में आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे सकता है और किसानों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।“
“प्रौद्योगिकी और ई-पोर्टल का एकीकरण कृषि प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, दक्षता और सहजता ला सकता है, जिससे किसानों और समग्र कृषि क्षेत्र दोनों को लाभ होगा। इसकी दीर्घकालिन सफलता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उनके परिणामों की निगरानी और मूल्यांकन जारी रखना आवश्यक है।”